यह फिल्म पंजाब के एक गाँव की कहानी कहती है, जहां पुरुषों का बोलबाला है। गाँव की सबसे उम्रदराज महिला, भूरो (निर्मल ऋषि) के नेतृत्व में कुछ महिलाएं पुरुष प्रधान समाज को चुनौती देती हैं। वे परंपराओं को बदलने की कोशिश करती हैं, जैसे कि सिर्फ पुरुषों का सरपंच बनना या निचले वर्ग की महिलाओं पर अत्याचार करना।